सरस्वती विद्या मंदिर वाशिंग, कुल्लू की वेबसाइट में आपका स्वागत है

mataराष्ट्रीय विचारधारा को पुष्ट करने के कार्य में लगे कुछ बन्धुओं ने इस देश की नवोदित पीढ़ी को सुयोग्य शिक्षा और शिक्षा के साथ-साथ अपनी संस्कृति एवं संस्कारो से संस्कारित करने के उद्देश्य से अखिल भारतीय स्तर पर विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की स्थापना हुई।

सन् 1952 में सर्वप्रथम गोरखपुर में 5 रू. मासिक किराये के मकान में एक सरस्वती शिशु मन्दिर प्रारम्भ हुआ। कार्य के प्रति समर्पण, लगन और परिश्रम के कारण अन्य स्थानों पर भी विद्यालय प्रारम्भ हुए। कुरूक्षेत्र में गीता विद्यालय परिसर का प्रारम्भ द्वितीय सरसंघ चालक प.पू. माधव सदाशिवराव गोलवलकर ‘श्री गुरूजी’ के करमकलों द्वारा प्रारम्भ हुआ। अन्य प्रान्तों में भी समितियों का गठन हुआ और अनेक विद्या मन्दिर प्रारम्भ हुए। पंजाब और चण्डीगढ़ में सर्वहितकारी शिक्षा समिति नाम से और हरियाणा में हिन्दू शिक्षा समिति के नाम से प्रान्त समितियों का कार्य प्रारम्भ हुआ। Continue reading

प्रधानाचार्य सन्देश

principal विद्या भारती का कार्य 1977 में प्रारम्भ हुआ। लगभग 25 हजार शैक्षिक संस्थाएं विद्या भारती के द्वारा संचालित है। शिक्षा के क्षेत्र विद्या भारती देश का सर्वोच्च संगठन है। प्रशासनिक दृष्टि से सम्पूर्ण भारतवर्ष को विद्या भारती ने 11 क्षेत्रों में बांटा है। विद्या भारती विभिन्न प्रकार की शैक्षिक शोध पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन करती है।банкоматы барклайс банка в москвепосуда опт москвапродвижение сайта